विश्व क्रिकेट में तेज गेंदबाज हों या स्पिनर्स, दोनों ही तरह के गेंदबाजों का बोलबाला रहा है। हर किसी के गेंदबाजी एक्शन की भी चर्चा होती है। तेज गेंदबाजों में अक्सर लसिथ मलिंगा एक्शन की वजह से सुर्खियों में रहे। स्पिनर्स की बात करें तो कई नाम गिनाए जा सकते हैं। इनमें मुथैया मुरलीधरन, पॉल एडम्स और कुलदीप यादव हैं। बहरहाल, इन सभी से अलग एक गेंदबाज अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दस्तक दे रहा है। ये हैं श्रीलंका के युवा लेग स्पिनर केविन कोथीगोड़ा। चाइनामैन गेंदबाज एडम्स ने 2004 में आखिरी टेस्ट खेला था। लेकिन, केविन का एक्शन उनसे भी ज्यादा मुश्किल और उलझाऊ है। वो अबुधाबी टी10 लीग से चर्चा में आए।
श्रीलंका और संयोग
मलिंगा हों या मुरलीधरन या फिर अजंता मेंडिस। श्रीलंकाई क्रिकेट के ये गेंदबाज अपने अलग तरह के एक्शन की वजह से याद किए जाते हैं। मुरलीधरन को तो अपना एक्शन सही साबित करने के लिए बॉयोमैकेनिकल टेस्ट से भी गुजरना पड़ा था। मलिंगा के पास रफ्तार के साथ ही शानदार यॉर्कर हैं। वैसे, अलग तरह के एक्शन वाले गेंदबाजों में सिर्फ मलिंगा ही तेज गेंदबाज हैं। बाकी सभी स्पिनर्स ही रहे। मसलन, मुरलीधरन, अजंता मेंडिस या फिर भारत के युवा चाइनामैन बॉलर कुलदीप यादव। ये संयोग ही कहा जाएगा कि केविन भी श्रीलंका से ही आते हैं। वो फिलहाल, अबुधाबी टी10 लीग में खेल रहे हैं।
वॉटसन को नहीं हुई दिक्कत
अबुधाबी में केविन के सामने ऑस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन थे। वो दो बार आउट होते-होते बचे। हालांकि, बाद में उन्होंने इसी गेंदबाज को 2 छक्के भी लगाए। कोथीगोड़ा ने वॉटसन को साउथ अफ्रीकी चाइनामैन गेंदबाज पॉल एडम्स की याद दिला दी। हालांकि, उनका एक्शन केविन की तुलना में कुछ आसान था। रोचक बात केविन के कोच धमिका सुदर्शन ने बताई। कहा, “उसका एक्शन बिल्कुल अलग तरह का है लेकिन यह बिल्कुल प्राकृतिक है। शुरू में उसे अच्छी लैंथ इसलिए नहीं मिल पाती थी क्योंकि गेंद करते वक्त एक्शन की वजह से वो पिच ही नहीं देख पाता था। लेकिन, अब उसने बेहतरीन सुधार किया है।”