देशभर में लाॅकडाउन के दौरान जम्मू के राजौरी जिले के पंजग्रेन गांव में रहने वाले वजीर हुसैन को स्ट्रोक आया। जानकारी मिलने पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने रविवार को उन्हें एयरलिफ्ट कर जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। इससे पहले सीआरपीएफ ने वजीर के बेटे आरिफ की भी मदद की। वह मुंबई से 2 अप्रैल को पिता से मिलने साइकिल से निकल पड़ा था। 30 साल के मोहम्मद आरिफ को करीब 2200 किलोमीटर का सफर तय करना था। इसी बीच मीडिया ने सीआरपीएफ के कश्मीर स्थित ‘मददगार' हेल्पलाइन को जानकारी दी। सूचना पाकर वजीर से घर से 15 किलोमीटर की दूरी पर तैनात सीआरपीएफ की 72वीं बतालियन एक्शन में आई और आरिफ को जम्मू लाने के लिए व्यवस्था की गई।
सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक (जम्मू-कश्मीर जोन) जुल्फिकार हसन ने बताया, ‘‘हेल्पलाइन मददगार को आरिफ के बारे जानकारी मिली। इसके बाद तुरंत कार्रवाई की गई। आरिफ को भी फोन किया और पांच राज्यों में फैले सीआरपीएफ नेटवर्क जरिए उसके लिए जरूरी चीजों की व्यवस्था कराई। गुजरात के वडोदरा में रविवार को आरिफ को खाने के पैकेट, 2 हजार रुपए, सैनिटाइजर, मास्क और गुजरात पुलिस की मदद से आवश्यक सामान दिया गया था।’’
आज जोधपुर पहुंचेगा वजीर का बेटा आरिफ
जुल्फिकार हसन ने बताया, ‘‘आरिफ को लॉकडाउन के कारण सीआरपीएफ बेस कैंप में रहने को कहा था। उन्हें आश्वासन भी दिया कि उनके पिता का ध्यान रखा जाएगा। हालांकि जब आरिफ नहीं माना तो उसके लिए लाने की व्यवस्था की। ट्रक सोमवार दोपहर बाद तक राजस्थान के जोधपुर के पास आरिफ को छोड़ेगा। इसके बाद हम उनकी आगे की यात्रा की व्यवस्था करेंगे। ’’